नमस्कार,
मेरे लिए यह अत्यंत गर्व का विशय है कि मुझे आपके समक्ष अपने विचार प्रस्तुत करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। 1984 में महाराज अग्रसेन जी के नाम से स्थापित यह महाविद्यालय लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है तथा आने वाले वर्षों में और भी अधिक उन्नति की ओर अग्रसर होगा। महाविद्यालय प्रांगण की हरियाली, खेल मैदान, ग्रंथालय एवं अन्य सुविधाएं विद्यार्थियों को उनके सर्वागिण विकास का अवसर प्रदान करती है।
महाविद्यालय में शैक्षणिक तथा अन्य गतिविधियों का लगातार विकास हो रहा है। यहां उच्च शिक्षित शैक्षणिक स्टाफ, कुशल एवं प्रशिक्षित क्रीडाधिकारी तथा अनुभवी कार्यालयीन स्टाफ कार्यरत है, जिनके कठीन परिश्रम एवं प्रयासों से महाविद्यालय के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियों जैसे- खेलकुद, एन.एस.एस का लगातार उन्नयन हो रहा है। इसका परिणाम है कि महाविद्यालय ने विश्वविद्यालय एवं प्रदेश स्तर पर शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है तथा यहां के छात्र/छात्राएं प्रावीण्य सूची में अपना स्थान बनाने में विगत वर्षो में सफल रहे है। हमारे महाविद्यालय के प्राध्यापकों के कठीन परिश्रम एवं सफल निर्देशन का परिणाम है कि इस महाविद्यालय से शिक्षा प्राप्त अनेक विद्यार्थी प्रदेश एवं देश में उच्च पदों पर नियुक्त होकर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे है।
विगत तीन वर्षोे से कोवीड जैसे महामारी के कारण पुरे विश्व में अध्यापन कार्य प्रभावित रहा और हमारा महाविद्यालय भी इससे अछूता नही रहा है। अब संकट का समय निकल चुका है और मुझे विश्वासहै कि महाविद्यालय के विद्यार्थी पुनः अपनी पूरी क्षमता और योग्यता से महाविद्यालय को आगे बढ़ाने एवं उसकी प्रतिष्ठा को बनायें रखने में अपना पूर्ण योगदान देगें।
सत्र 2022-23 में महाविद्यालय में नैक की ग्रेडिंग होनी है। पिछले गे्रडिंग में महाविद्यालय को बी ग्रेड प्राप्त हुआ था। मुझे विश्वासहै कि इस बार हमारे महाविद्यालय के ग्रेडिंग में महत्वपूर्ण सुधार होगा इसके लिए हम सब गंभीर रूप से प्रयासरत है। महाविद्यालय के विकास में तथा अपनी महचान बनाने में जनभागीदारी समिति, एलुमिनी समिति जैसे महत्वपूर्ण समितियों एवं उनके पदाधिकारीयों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मुझे विश्वासहै कि भविष्य में भी इनका बहुमूल्य सहयोग एवं अपनापन महाविद्यालय को प्राप्त होता रहेगा।
अंत में मै महाविद्यालय के विकास से जुडे सभी पक्षों के प्रति अपना आभार व्यक्त करती हूं।
धन्यवाद
डॉ . प्राची सिंह
प्राचार्य